Home फैक्ट चेक क्या केरल के कोरोना पीड़ित दंपति ने हनुमान के स्टीकर लगी एंबुलेंस में जाने से मना कर दिया?-FACT CHECK

क्या केरल के कोरोना पीड़ित दंपति ने हनुमान के स्टीकर लगी एंबुलेंस में जाने से मना कर दिया?-FACT CHECK

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क्या केरल के कोरोना पीड़ित दंपति ने हनुमान के स्टीकर लगी एंबुलेंस में जाने से मना कर दिया?-FACT CHECK

कोरोना महामारी के बीच ऩफरत फैलाने का काम भी जोऱ शोर शोर से जारी है. सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल है जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि केरल के कोरोना पीड़ित दम्पति ने एंबुलेंस में जाने से इसलिए मना कर दिया कि उसमे हनुमान का स्टीकर लगा था. ये तस्वीर ‘inshorts’ वेबसाइट का स्क्रीन शॉट है. स्क्रीन शॉट में एंबुलेंस की तस्वीर और कुछ लोग पीपीई किट पहने हुए खड़े दिखाई देते है. तस्वीर के साथ ही रिपोट भी है जिसकी हेडलाइन है ‘Kerala couple refuse ambulance with hanuman sticker, dies’ यानि ‘केरल के दंपति ने हनुमान के स्टीकर वाली एंबुलेंस में जाने से इंकार किया. मौत हो गई.’ नीचे रिपोर्ट में लिखा है ”एक अजीब घटना में केरल के एम स्टालिन और उनकी पत्नी जेसी , जिनको ऑक्सीजन की सख्त जरूरत थी एबुलेंस में जाने से इसलिए इनकार कर दिया कि उसमें भगवा रंग का हनुमान का स्टीकर लगा था. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार थोड़ी ही दोर बाद उनकी मौत हो गई.” इस पूरे स्क्रीन शाट को पोस्ट करने के साथ एक ट्विटर हैंडल ने लिखा ”केरल के कोरोना पीड़ित ईसाई दम्पति ने एम्बुलेंस में केवल इसलिए बैठने से इनकार कर दिया क्योंकि उस एम्बुलेंस पर हिन्दू देवता श्री हनुमान जी का स्टिकर लगा था। परिणाम दोनों की मौत हो गई।”

https://twitter.com/humlogindia/status/1393038161274572802

इसी तरह एक और ट्विटर हैंडल ने कैप्शन दिया ”हिन्दुओँ के खिलाफ नफरत इतनी जबरदस्त है कि वे अपनी जिंदगी भी कुर्बान कर सकते हैं”

कुछ औऱ पोस्ट आप यहां देख सकते हैं. फेसबुक पर भी इस तस्वीर को धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है.

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सच क्या है ?

सबसे पहले हमने ‘inshorts’ की वेबसाइट पर जाकर इस खबर को खोजने की कोशिश की तो हमे ना तो ये तस्वीर दिखी और ना ही ये खबर. लेकिन एक बात समझ में आई कि वायरल स्क्रीन शॉट औऱ ‘inshorts’ के ऑरिजनल टेक्स्ट के फॉन्ट और कलर में अंतर है. नीचे दोनों में अंतर आप देख सकते हैं.

‘inshorts’ के संपादकीय विभाग से जुड़े लोगों ने हमे बताया कि वायरल स्क्रीन शॉट फेक है उनकी वेबसाइट ने इस तरह की कोई खबर नहीं प्रकाशित की है. इसके बाद वायरल स्क्रीन शॉट में रिपोर्ट छोड़कर केवल फोटो का रिवर्स इमेज सर्च किया तो ये तस्वीर हिन्दुस्तान टाइम्स की वेबसाइट में दिखाई दी. फोटो के कैप्शन के मुताबिक 8 मई को बंगलूरू के बाहर बनाए गए एक श्मशान घाट में हनुमान के स्टीकर लगी एंबुलेंस कोरोना से मारे गए लोगों को शव ले जा रही है. तस्वीर का क्रेडिट AFP न्यूज एजेंसी के फोटो जर्नलिस्ट मंजूनाथ किरन को दिया गया है. तस्वीर के साथ कोरोना  के बारे में एक रिपोर्ट भी है. इसे आप यहां देख सकते हैं.

तस्वीर के कैप्शन में बगलूरू का जिक्र है इसलिए ये केरल की नहीं है. हमने औऱ भी जगह वायरल खबर को तलाशा लेकिन इस पर कोई जानकारी नहीं मिली

निष्कर्ष

हमारी जांच में ये साबित होता है कि वायरल स्क्रीन शॉट झूठा है. इसे एडिट करके बनाया गया है. तस्वीर के साथ जो संदेश है वो सिर्फ नफरत फैलाने के उद्धेश्य से किया जा रहा है. इसमे कोई सच्चाई नहीं है

दावा- केरल के एक ईसाई कोरोना पीड़ित दंपति ने एंबुलेंस में जाने से इसलिए मना कर दिया कि उसमें हनुमान का स्टीकर लगा था.

दावा करने वाले-सोशल मीडिया यूजर

सच-दावा झूठा है

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