कोरोना की वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र सरकार जबरदस्त दबाव में हैं. 27 मई को केंद्र सरकार की तरफ से आलोचनाओं का जवाब देने के लिए एक प्रेस रिलीज जारी की गई. इस रिलीज में 7 बिन्दुओ में ये बताया गया कि टीकाकरण अभियान को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है. रिलीज में 7 मिथ और फैक्ट बताए गए हैं. दावा किया गया है कि सरकार पूरी मेहनत से राज्यों को वैक्सीन देने,उत्पादन बढ़ाने औऱ विदेशों से आयात करने का प्रयास कर रही है. इस प्रेस रिलीज के आखिरी बिन्दु में गलत दावा किया गया. ये दावा था ”अभी तक दुनिया के किसी भी देश में बच्चों के वैक्सीनेशन का काम शुरू नहीं हुआ है. WHO ने बच्चों के वैक्सीनेशन कार्यक्रम को अभी तक मंजूरी नहीं दी है. बच्चों पर वैक्सीन का अध्ययन किया गया है जो काफी उत्साहवर्धक है. जल्द ही भारत में भी वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल शुरू किया जाएगा. हालांकि व्हाट्सग्रुप की अफवाहों और कुछ राजनेताओं की राजनीति के आधार पर बच्चों के वैक्सानेशन कार्यक्रम पर फैसला नहीं लिया जाना चाहिए. ट्रायल के आधार पर जो डेटा मिलेंगे उसके आधार पर हमारे वैज्ञानिक फैसला लेंगे.” सरकार के प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो की तरफ से जारी इस रिलीज का आर्काइव आप यहां देख सकते हैं. रिलीज के सांतवे नंबर के बिन्दु पर ये लिखा है. नीचे इसका स्क्रीन शॉट है.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने भी पीआईबी के इस लिंक को अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया

सच क्या है ?

केंद्र सरकार की तरफ से किया गया ये दावा गलत है.अमेरिका,कनाडा समेत कई देशों में 12 से लेकर 17 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू किया जा चुका है. रॉयटर्स न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में Pfizer-BioNTech की पहली डोज करीब 60 हजार बच्चों को दी जा चुकी है. अमेरिका के सेंट्रर्स फॉर डिजीज कंट्रोल यानि CDC ने 12 साल से ऊपर के बच्चों को वैक्सन लगाने की मंजूरी दी है जिसे आप यहां देख सकते हैं.

इसी तरह कनाडा में भी 12 से 17 साल के बच्चों को कोराना की वैक्सीन की मंजूरी मिल चुकी है. कनाडा बच्चों को कोरोना के टीके की मंजूरी देने वाला पहला देश है. ये रिपोर्ट आप यहां देख सकते हैं.

यूएई में भी इस उम्र के बच्चों को टीके की दिए जा रहे हैं.

पीआईबी की प्रेस रिलीज में बच्चों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी WHO से अभी तक ना मिलने की बात सही है. WHO ने बच्चों को वैक्सीन लगाने की सिफारिश अभी तक नहीं नहीं है.केंद्र सरकार की तरफ से भी शाम को इस बारे में स्पष्टीकरण आया कि उनकी प्रेस रिलीज में टाइपिंग की गलती की वजह से ऐसा हुआ.रिलीज में इसे सही करते हुए कहा गया कि 12 साल की उम्र के कम बच्चों को अभी तक दुनिया के किसी देश में वैक्सीन नही दी जा रही है. इसे आप यहां देख सकते हैं.न्यूज एंजेंसी ANI से बातचीत में नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने भी ये स्पष्टीकरण दिया कि कुछ देशों में बच्चों को वैक्सीन दी जा रही है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी उनके ट्वीट पर कोट करते हुए अपने पुराने ट्वीट पर सफाई दी.

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