इस साल की NEET परीक्षाओं के रिजल्ट घोषित होने के बाद दो टॉपर को लेकर काफी हंगामा मचाया हुआ. दोनो टॉपर ने कमाल किया था. और 720 में से 720 अंक हासिल किए . एक टॉपर यूपी की कुशीनगर की आकांक्षा सिंह थी. और दूसरे राउरकेरला के शोएब आफताब. नंबर बराबर होने के बावजूद शोएब को पहली और आकांक्षा को दूसरी रैंक मिली. पहले तो एक विचारधारा के लोगों ने इस बात पर हंगामा मचाया कि लोग शोएब को बधाई दे रहे हैं आकांक्षा को नहीं. फिर जब रैंक घोषित हुई तो तो उस पर आपत्ति जताते हुए सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई. ट्विटर पर आकांक्षा के नाम से फेक ट्विटर हैंडल बनाकर धार्मिक रंग दिया जा रहा है. लोग इस ट्वीट को खूब शेयर कर रहे हैं. @AkankshaSinghIN नामके ट्विटर हैंडल से दो ट्वीट किए गए. एक में कहा गया ‘’ नीट परीक्षा को टॉप मैने भी किया और शोएब आफताब ने भी किया पर सिर्फ सोएब का नाम हर जगह मीडिया में छाया हुआ है मेरी क्या गलती है। सिर्फ यही की मैं एक लड़की हूँ और हिन्दू हूँ…??? #NEETResult2020 ‘’ जबकि दूसरे में लिखा गया ‘’मैं कभी भी सोशल मीडिया पर नहीं थी आज मुझे बहुत ही दुखी मन से सोशल मीडिया जॉइन करना पड़ा… जो भी हुआ वह मेरे साथ यह एक नाइंसाफी है मेहनत तो मैंने भी की सफल तो मैं भी हुई।‘’

दोनों ट्वीट का आर्काइव वर्जन आप यहां देख सकते हैं.
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फैक्ट चेक
टॉपर आकांक्षा सिंह के नाम से ट्विटर हैंडल को NEET का रिजल्ट घोषित होने के एक दिन बाद बनाया गया. रिजल्ट 16 अक्टूबर को घोषित हुआ और ट्विटर अकाउंट 17 तारीख को बनाया गया.

आकांक्षा को दूसरी रैंकिग क्यों ?
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के नियमों के अनुसार अगर परीक्षा में दो छात्रों के अंक समान हैं तो रैंक का फैसला छात्र की आयु के आधार पर किया जाएगा. जिसकी उम्र ज्यादा होगी उसे पहली रैंक दी जाएगी. आकांक्षा की उम्र 17 साल है जबकि शोएब उनसे एक साल बड़े यानि 18 साल के हैं. इसलिए नियमों के तहत शोएब को पहली रैंक दी गई. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एक ऑटोऩॉमस संस्था है जिसे भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ ह्युमन रिसोर्स डेवलेपमेंट यानि अब शिक्षा मंत्रालय ने बनाया है.
आकांक्षा के पिता क्या कहते हैं ?
आकांक्षा के पिता राजेंद्र कुमार राव से जब हमने बात की तो उन्होने रैंक को लेकर किसी तरह की नाराजगी से इंकार किया. उन्होने कहा कि जो पॉलिसी के तहत हुआ है वो सही है. उन्होने बताया कि आकांक्षा का किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉम पर कोई अकाउंट नहीं है. ट्विटर पर जिस अकाउंट से ट्वीट किए गए हैं वो फेक हैं. उन्होने पुलिस में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराने की बात भी कही.कुशीनगर पुलिस ने एक यूजर को जबाव देते हुए कहा कि साइबर सेल को इस बरे में जांच करने के निर्देश दिए जा चुके हैं.
बीबीसी की रिपोर्ट भी आप यहां पढ़ सकते हैं जिसमें उन्होने आकांक्षा औऱ उनके पिता से बात की है.
निष्कर्ष
NEET की परीक्षा में शत-प्रतिशत अंक लाने वाली आकांक्षा सिंह के नाम से फर्जी ट्विटर के जरिए दो ट्वीट किए गए हैं . आकांक्षा का सोशल मीडिया पर कोई अकाउंट नहीं है. अकांक्षा के परिवारवालों ने सोशल मीडिया पर उनके नाम से सांप्रदायिक ट्वीट करने पर आपत्ति जताई है. और पुलिस में शिकायत भी की है.
दावा- NEET की टॉपर आकांक्षा सिंह के ट्विटर अकाउंट से किए गए ट्वीट सोएब को पहली रैंक देने पर नाराजगी जाई
दावा करने वाले- आकंक्षा के पेक ट्वटर अकाउंच
सच- दावा झूठा है