सोशल मीडिया पर ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ अखबार के फ्रंट पेज की तस्वीर शेयर की जा रही है. इस तस्वीर में रोते हुए मगरमच्छ की तस्वीर बनी है. तस्वीर के ऊपर हेडलाइन है ‘India’s PM cried’ यानि ‘भारत के पीएम रोए’.एक ट्विटर यूजर यूजर ने लिखा ”मोदी के मगरमच्छी आंसूओं पर इंटरनेशनल मीडिया कवरेज भी उलटा पड़ा”

गौरतलब है हाल ही में पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए वाराणसी के डॉक्टरों से बात करते हुए भावुक हो गए थे. उसी संदर्भ में पीएम का मजाक उड़ाते हुए ये तस्वीर शेयर की जा रही है.

तस्वीर को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी शेयर किया लेकिन उन्होने बाद में इसे डिलीट कर दिया. इसका आर्काइव वर्जन आप यहां देख सकते हैं. इसके अलावा जेएऩयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइसी घोष ने तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि ये सच है कि झूठ. लेखिका शोभा डे ने भी इसे अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया. फेसबुक पर भी ये तस्वीर वायरल है. कुछ तस्वीरे आप यहां देख सकते हैं. नीचे दिए गये स्क्रीन शॉट को आप ऑरिजनली यहां देख सकते हैं.

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सच क्या है ?

वायरल इमेज में 21 मई की तारीख लिखी है. सबसे पहले हमने ‘द न्यूयार्क टाइम्स’ अखबार के इंटेरनेशनल एडिशन की वेबसाइट पर इसी तारीख का अखबार खोजा. इस अखबार के मुख्य पेज पर ये तस्वीर कहीं नहीं थी. लेकिन वायरल इमेज में अखबार की अन्य रिपोर्टस समान थी. ऑरिजनल अखबार में जो तस्वीर थी उसको हटाकर मगरमच्छ वाली तस्वीर जोड़ी गई थी. नीचे दोनों अखबारों की तुलना आप देख सकते हैं.

वायरल तस्वीर का गूगल इमेज सर्च करने पर ये तस्वीर हमे ‘डेली न्यूयॉर्क टाइम्स’ नामके ट्विटर हैंडल के ट्वीट में मिलती है. तस्वीर पोस्ट करने के ऊपर लिखा गया है.. यानि ये

तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च कराने पर ‘द डेली न्यूयॉर्क टाइम्स’ नामके एक ट्विटर हैंडल के ट्वीट में ये तस्वीर दिखाई देती है. बाद में इस तस्वीर के ऊपर लिखा गया कि ये व्यंग है. ये एक पैरोडी अकाउंट है. जिसे लोगो ने सच मान लिया.

निष्कर्ष

न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार के फ्रंट पेज की वायरल इमेज दरअसल फोटोशॉप्ड है . ऑरिजनल अखबार में छपी तस्वीर को हटाकर रोते हुए मगरमच्छ की तस्वीर जोड़कर उसके ऊपर लिख दिया गया कि ‘भारत के पीएम रोए’

दावा- द न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार ने मगरमच्छ की रोते हुए फोटो लगाकर लिखा भारत के पीएम रोए

दावा करने वाले-सोशल मीडिया यूजर, कांग्दिरेस नेता दिग्विजय सिंह

सच- दावा झूठा है

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