Home फैक्ट चेक चीनी प्रपोगेंडा-10 घायल भारतीय जवानों को हारपरबेरिक ऑक्सीजन देकर बचाने का झूठा वीडियो

चीनी प्रपोगेंडा-10 घायल भारतीय जवानों को हारपरबेरिक ऑक्सीजन देकर बचाने का झूठा वीडियो

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चीनी प्रपोगेंडा-10 घायल भारतीय जवानों को हारपरबेरिक ऑक्सीजन देकर बचाने का झूठा वीडियो

ईवा झेंग नामके कथित ट्विटर हैंडल से दावा किया जा रहा है कि ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानि चीन की सेना के एक भी जवान की मौत गलवान घाटी में नहीं हुई. केवल 5 सैनिक घायल हुए थे.’ ये भी दावा किया गया कि ’10 घायल भारतीय सैनिकों को पीएलए कैंप में हारपरबेरिक ऑक्सीजन चैंबर में रखकर उनकी जान बचाई गई. जबकि 17 भारतीय सैनिक ज़ीरो से भी कम तापमान में रातभर ऑक्सीजन की कमी औऱ बचाव में देरी की की वजह से मारे गए.’ इस दावे के साथ हारपेबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी चैंबर का एक वीडियो भी जारी किया गया.

इस ट्वीट को कांग्रेस सांसद शशि थरूर  ने लाइक किया

पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने इसे रिट्वीट करते हुए लिखा चीन ने हताहतों की संख्या जारी की है.

गॉर्जियन के पत्रकार माइकल सफी ने भी स्वाति की बात का उल्लेख किया.

कुछ और लोगों ने भी इस पोस्ट में दी गई जानकारी को शेयर किया.

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गौरतलब है कि 15 जून की रात को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार चीन ने 10 भारतीयय सैनिकों को पकड़ लिया था जिन्हे बाद में छोड़ दिया गया.

सच क्या है ?

 वीडियो की स्क्रीन पर cntv लिखा दिखाई देता है. इसलिए हमने पहले ‘hyperbaric oxygen,cntv’ की-वर्डस से गूगल सर्च किया लेकिन हमे ये वीडियो नहीं मिला. चुंकि वीडियो पर डाले गए टेक्स्ट मंडारिन भाषा में थे इसलिए हमने ‘hyperbaric oxygen को गूगल के जरिए मंडारिन भाषा में बदला और cntv अंग्रेजी में लिखकर सर्च किया तो हमे कुछ परिणाम दिखाई दिये जिसमें एक परिणाम में ये वीडियो हमे दिखाई दिया bilibili.com नाम की साइट पर ये वीडियो 2 फरवरी 2017 को पोस्ट किया गया था.

इसे आप यहां देख सकते हैं. वीडियो के कुछ स्क्रीन शॉट नीचे दिए गए हैं.

बाद में माइकल सफी ने सफाई देते हुए इसे चीन का प्रपोगैंडा बताया.

स्वाति चतुर्वेदी ने भी सफी से सहमति जताई

वीडियो पोस्ट करके ये दावा करने वाले कथित चीनी ट्विटर हैंडल ने भी इसे बाद में डिलीट कर दिया.

गलवान घाटी में चीन के भी सैनिक हताहत होने की खबर वहां के प्रमुख मीडिया संगठन गलोबल टाइम्स की तरफ से कही गई है लेकिन चीन सरकार अभी तक अपने नुकसान के बारे में चुप्पी साधे हुए है. कई मीडिया संगठनों ने अलग-अलग संख्या चीनी सैनिकों के मारे जाने की बताई है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सबसे पहले सूत्रों के हवाले से 43 चीनी सैनिकों के मारे जाने की खबर बताई थी. केंद्रीय मंत्री जनरल वीकेसिंह ने शनिवार को बयान दिया था कि यदि 20 भारतीय सैनिक मारे गए हैं तो उनके भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए होंगे.

निष्कर्ष

चीन की तरफ ये वीडियो जारी करके प्रपोगेंडा फैलाने की कोशिश है. ये वीडियो 3 साल पुराना है इसका गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के इलाज से कोई संबंध नहीं है. चीन के सैनिकों की कैजुअल्टी के बार में जो दावा किया गया कि एक भी सैनिक की मौत नहीं हुई है उसे भी सही नहीं माना जा सकता क्योंकि दावा करने वाले ट्विटर हैंडल ने वो पोस्ट हटा ली है. और ये ट्विटर हैंडल भी संदिग्ध है.इस दावे का फैक्ट चेक ऑल्ट न्यूज ने सबसे पहले किया था.

दावा- चीन की सेना ने 10 घायल भारतीय सैनिकों को हारपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी के जरिए इलाज किया. और चीन का कोई भी सैनिक गलवान घाटी में नहीं मारा गया है.

दावा करने वाले- कथित चीनी ट्विटर हैंडल

सच-दावा झूठा है 

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