Home फैक्ट चेक ‘लाभार्थी आवास योजना’ पोस्टर में बीजेपी ने लगाई बिजनेस मैन सरू ब्रियरली के परिवार की फोटो – Fact Check

‘लाभार्थी आवास योजना’ पोस्टर में बीजेपी ने लगाई बिजनेस मैन सरू ब्रियरली के परिवार की फोटो – Fact Check

0
‘लाभार्थी आवास योजना’ पोस्टर में बीजेपी ने लगाई बिजनेस मैन सरू ब्रियरली के परिवार की फोटो – Fact Check

बुधवार को प्रधानमंत्री ने ‘यथास्थान झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास परियोजना’ के तहत दिल्ली के कालकाजी में 3024 नवनिर्मित फ्लैटों का उद्घाटन  किया। और कमजोर आय वर्ग के लोगों को घरों की चाबी दी.कार्यक्रम के पहले गृहमंत्री अमित शाह और कई अन्य बीजेपी नेताओं ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कार्यक्रम के बारे में ट्वीट किया. ट्वीट में एक पोस्टर साझा किया जिसमें एक परिवार की फोटो लगाई गई उसका फ्लैट पाने वाले लाभार्थियों से कोई संबंध नहीं है. इंडिया चेक ने पाया कि ये तस्वीर सरू ब्रियरली की है जो बिजनेस मैन हैं. आर्काइव

अमित शाह ने बाद में अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. दिल्ली बीजेपी ने भी अपने ट्विटर हैंडल से इस तस्वीर को साझा किया. कैप्शन में लिखा “दिल्ली के भूमिहीन कैंप में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले हजारों गरीबों को मिल रहा पक्के घर का उपहार।आज प्रधानमंत्री श्री @narendramodi 3024 EWS फ्लैट्स की चाबी लाभार्थियों को देकर करेंगे उनका सपना साकार।” आर्काइव

इस पोस्टर में सबसे ऊपर पीएम मोदी की तस्वीर है उसके दायीं ओर कार्यक्रम के आयोजन की जानकारी दी गई है। पीएम मोदी की फोटो के ठीक नीचे एक बड़ी सी बिल्डिंग और उसके नीचे लाभार्थियों की तस्वीर लगी है। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि बीजेपी दिल्ली ने पोस्टर पर  लाभार्थियों की जिस तस्वीर का इस्तेमाल किया है वह हाल-फिलहाल की न होकर काफी पुरानी है। यह तस्वीर मध्य प्रदेश के गणेश तलाई, खंडवा जिले में जन्मे सरू ब्रियरली के परिवार की है।

फेसबुक पर भी कुछ वेरिफाइड अकाउंट्स से इस पोस्टर को साझा किया गया। इसे यहां और यहां देख सकते हैं।

सच क्या है ?

तस्वीर कब की है और किसकी है ? यह जानने के लिए हमने पोस्टर में लगी लाभान्वित परिवार की तस्वीर निकाल कर उसका रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमे गूगल लेंस में कई लिंक मिले जहा ये फोटो नजर आई. 

एक विदेशी वेबसाइट celebs.bio पर हमें पता चला कि पोस्टर में ब्लू टीशर्ट पहने दिख रहे जिस शख्स के कंधे पर एक महिला ने हाथ रखा हुआ है उसका नाम ‘सरू ब्रियरली’ है और वह महिला फातिमा उसकी मां है। पोस्टर में दिख रही यह तस्वीर सरू ब्रियरली के परिवार की है। सरू का जन्म मध्यप्रदेश के गणेश तलाई, खंडवा जिला में हुआ था। उनके परिवार की हालत बेहद नाज़ुक थी जिसके कारण उन्हें भीख भी मांगनी पड़ी। सरू बचपन में ही अपने परिवार से दूर हो गए थे उन्हें एक ऑस्ट्रेलियाई जोड़े जॉन ब्रियरली और सू ब्रियरली ने गोद ले लिया था और उसे अपने साथ ऑस्ट्रेलिया ले गए थे। सरू आस्ट्रेलिया में ब्रियरली परिवार के व्यवसाय में सहयोग करते रहे लेकिन इस बीच उन्हें अपने परिवार की याद भी आती रही। गूगल अर्थ की मदद से सरू साल 2011 में बुरहानपुर स्टेशन को खोजने में सफल हुए यह स्टेशन उनके बचपन की यादों में शामिल था। 25 वर्ष बाद साल 2012 में सुरू अपने गृहनगर खंडवा को खोजने में सफल हुए वह अपने घर पहुंचे तो उनकी मां (फातिमा) ने उनको पहचान लिया। 31 अगस्त 2013 में हिंदुस्तान टाइम्स में भी सरू ब्रियरली पर एक आर्टिकल प्रकाशित हुआ जिसमें कई तस्वीरों के साथ बीजेपी के पोस्टर पर छपी तस्वीर भी मिली. रिपोर्ट आप यहां देख सकते हैं. नीचे अखबार की वेबसाइट में प्रकाशित तस्वीर का स्क्रीन शॉट हैं.

यह एक ऐसी घटना थी जिसे राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय दोनों तरह की खूब कवरेज मिली। सरू ब्रियरली ने अपनी जीवन यात्रा पर “ए लॉन्ग वे होम” पुस्तक भी लिखी. 2013 में ये किताब प्रकाशित हुई.

Saroo Brierley’s A Long Way Home

सरू के जीवन के घटनाक्रम पर आधारित 2016 में, एक मूवी ‘LION’ का निर्देशन किया गया, जिसे गर्थ डेविस ने निर्देशित किया था। देव पटेल ने सरू की भूमिका निभाई, निकोल किडमैन ने उनकी दत्तक मां की भूमिका निभाई, और रूनी मारा ने लिसा विलियम्स (लुसी, सरू की प्रेमिका) की भूमिका निभाई। फिल्म को काफी सराहा गया. और ये ऑस्कर के लिए भी नॉमिनेट हुई. सरू की आत्मकथा को पेंग्विन ने प्रकाशित किया था. पेंगविन की वेबसाइट पर सरू के बचपन, उनकी आत्मकथा और फिल्म को लेकर जानकारी दी गई है.

आस्ट्रेलिया के सिडनी में स्थित घोस्ट राइटर लैरी बट्रोस जिन्होंने सरू ब्रियरली की कहानी(ए लॉन्ग वे होम) लिखी, उन्होंने 13 फरवरी 2017 को अपने ट्विटर अकाउंट से सरू के साथ एक तस्वीर साझा की थी(लैरी को सरू के दायीं ओर चश्मा लगाए देखा जा सकता है) जिसे कैप्शन देते हुए लैरी ने लिखा – “सरू के साथ #Lion किताब लिखने के अपने सफर के बारे में इस बुधवार शाम 4 बजे के बाद रिचर्ड ग्लोवर 702 सिडनी के साथ साक्षात्कार।”

सरू की इस कहानी और पोस्टर में दिख रही तस्वीर को  abc.net.au और StarsUnfolded पर भी देखा जा सकता है।

बीजेपी के पोस्टर में इस गलती के बारे में सबसे पहले अमर उजाला के पत्रकार प्रदीप पांडे ने ट्वीट करके जानकारी दी थी.

निष्कर्ष 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पोस्टर में लाभान्वित परिवार को दर्शाने वाली तस्वीर काफी समय से इन्टरनेट पर मौजूद है। ये तस्वीर सरू ब्रियरली और उनके परिवार की है. तस्वीर तब की है जब सरू ब्रियरली 5 साल की छोटी उम्र में अपने परिवार से बिछड़ जाने के कारण 25 साल बाद अपने परिवार के बीच पहुंचे थे। वो ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं. और एक बिजनेसमैन हैं.

दावा – बीजेपी के पोस्टर में ‘यथास्थान झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास परियोजना’ के लाभार्थी का परिवार

दावा करने वाला – अमित शाह,दिल्ली बीजेपी, सोशल मीडिया यूजर

सच – तस्वीर सरू ब्रियरली के परिवार की है जिसका लाभार्थी परियोजना से कोई संबंध नहीं है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here