उत्तराखंड के हल्द्वानी में 4000 हजार मकानों को गिराने के नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने 5 जनवरी 2023 को अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश से कुछ लोगों ने असहमति जताई है। बीजेपी कार्यकर्ता प्रीति गांधी और मेजर सुरेन्द्र पूनिया ने अपने ट्वीट में एक तस्वीर शेयर की जिसमें रेलवे ट्रैक पर झुग्गी-झोपड़ी के आसपास के लोग देखे जा सकते हैं। गांधी ने ट्वीट में लिखा – “This is what the Supreme Court has legitimized today! #HaldwaniEncroachment”(इसी को आज सुप्रीम कोर्ट ने जायज ठहराया है! #हल्द्वानी अतिक्रमण – हिन्दी अनुवाद)  आर्काइव

वहीं मेजर सुरेन्द्र पूनिया ने भी यही तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा -“Dear Friends, Don’t buy land anywhere .. just unite with your community in large numbers and capture any Govt/Defence/Railway land ; Milord will legitimise it. And If you raise your voice against this, you are endangering country’s secularism. #HaldwaniEncroachment”(हिन्दी अनुवाद – प्रिय मित्रों, कहीं जमीन मत खरीदो.. बस अपने समुदाय के साथ बड़ी संख्या में एकजुट हो जाओ और किसी भी सरकारी/रक्षा/रेलवे भूमि पर कब्जा कर लो; मिलॉर्ड इसे वैध करेंगे। और अगर आप इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं तो आप देश की धर्मनिरपेक्षता को खतरे में डाल रहे हैं। #हल्द्वानी अतिक्रमण) आर्काइव

इसके अलावा फेसबुक पर वायरल दावे को यहांयहां और यहां देखा जा सकता है।

सच क्या है ?

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च पर डाला इस दौरान हमें गैटी इमेजेज की एक तस्वीर देखने को मिली। यह वही तस्वीर है जिसे सोशल मीडिया पर हाल ही में हल्द्वानी प्रकरण से जोड़कर साझा किया जा रहा है। 

तस्वीर के कैप्शन में लिखा है – 

The Slums And Homeless Of Kolkata KOLKATA,

INDIA – DECEMBER 12: People get on with their lives in a slum on the railway tracks as a commuter train goes past on December 12, 2013 in Kolkata, India. Almost one third of the Kolkata population live in slums and a further 70,000 are homeless. (Photo by Samir Hussein/Getty Images)

(हिन्दी अनुवाद – कोलकाता की मलिन बस्तियां और बेघर

कोलकाता, भारत – दिसंबर 12: भारत के कोलकाता में 12 दिसंबर, 2013 को एक कम्यूटर ट्रेन के गुज़रते ही लोग रेल की पटरियों पर झुग्गी-झोपड़ियों में अपना जीवन व्यतीत करने लगते हैं। कोलकाता की लगभग एक तिहाई आबादी झुग्गियों में रहती है और 70,000 से अधिक बेघर हैं। (समीर हुसैन / गेटी इमेजेज द्वारा फोटो) 

गैटी इमेजेज की इस तस्वीर को पिनटेरेस्ट पर भी यहांयहां देखा जा सकता है।

वहीं तस्वीर को गूगल लेंस से सर्च करने पर यह तस्वीर 18 जनवरी 2016 को एबीसी न्यूज़ में प्रकाशित रिपोर्ट में देखने को मिली। स्रोत के तौर पर तस्वीर के कैप्शन में गैटी इमेजेज का हवाला दिया गया है।

इस रिपोर्ट का शीर्षक है – “दुनिया के सबसे गरीब आधे लोगों के बराबर दौलत पर सबसे अमीर 62 लोगों का नियंत्रण है” 

निष्कर्ष

इंडिया चेक ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को भ्रामक पाया है। वायरल तस्वीर कोलकाता से है. यह 12 दिसंबर 2013 को गैटी इमेजेज में ये तस्वीर मौजूद है. तस्वीर लेने की तारीख 12 दिसंबर 2013 है. इसका हल्द्वानी प्रकरण से कोई सम्बंध नहीं है।

दावा – तस्वीर में हल्द्वानी में रेलवे की संपत्ति पर अवैध अतिक्रमण को दिखाया गया है 

दावा किसने किया – भाजपा कार्यकर्ता प्रीति गांधी और मेजर सुरेन्द्र पूनिया

सच – दावा भ्रामक है

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