चीन के साथ तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने भाषण से काटकर एक क्लिप को खूब वायरल किया जा रहा है. इस एडिटेड फेक क्लिप में मोदी कहते हुए सुनाई देते हैं ‘सेना में जो जवान होता है वो युद्ध भूमि में मरने के लिए जाता है, इसलिए कि उसे तनख्वाह मिलती है.’

ट्विटर पर 12 सेकेंड लंबी इस क्लिप को लोग शेयर करके मोदी पर निशाना साध रहे हैं. फेसबुक पर भी दावा किया जा रहा है कि मोदी ने सेना का अपमान किया है.

सेना का जवान सेना में मरने के लिए जाता है।बार बार इस तरह के मिलते जुलते वक्तव्य शहीद जवानों का अनादर है।

Geplaatst door Sheshmani Gupta op Maandag 22 juni 2020

ये वीडियो ऐसे समय फैलाया जा रहा है जब चीन के साथ भारत के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हैं. गलवान घाटी में 15 जून की रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए. चीन ने मारे गए जवानों के बारे में पुष्टि नहीं की है लेकिन उसने माना है कि उसके सैनिक भी हताहत हुए हैं.

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फैक्ट चेक

इनविड टूल की मदद से पहले वीडियो के की-फ्रेम्स निकालकर यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च करने पर काफी परिणाम मिलते हैं. यूट्यूब और फेसबुक पर साल 2010 से लेकर 2020 तक भाषण 2 मिनट से लेकर 9 मिनट की क्लिप बहुत सारी जगहों पर अपलोड की गई है.

यूट्यूब पर 20 जून 2013 को अपलोड की गई लगभग 6 मिनट से खुछ ज्यादा लंबी क्लिप में मोदी वहीं से बोलना शुरू करते हैं जहां से वायरल क्लिप को की शुरूआत होती है. वो कहते हैं ‘सेना में जो जवान होता है ये युद्ध की भूमि में मरने के लिए जाता है,इसलिए की उसको तनख्वाह मिलती है ? उसको तनख्वाह मिलती है इसलिए वो सेना का जवान युद्ध की भूमि में मरने के लिए तैयार नहीं होता है,वो मरने के लिए इसलिए तैयार होता है कि इस मिट्टी को वो प्यार करता है.’ फिर वो एक घरेलू महिला का उदाहरण देते हुए बताते हैं कि कैसे वो अपने पति और बच्चों के लिए निस्वार्थ भाव से त्याग करती है. इसके बाद वो 1992 में श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने के अनुभव को बताते हैं. नीचे ये वीडियो आप देख सकते हैं

थोड़ा और ढूढ़ने पर हमे यही वीडियो 25 दिसंबर 2010 को यूट्यूब पर अपलोड किया हुआ मिलता है. ये वीडियो 9 मिनट से थोड़ा सा ज्यादा लंबा है. शुरुआत क दो अन्य व्यक्ति गुजराती में उनसे कुछ बोलते हैं जिसका वो जवाब देते हैं. फिर करीब 1:35 टाइम स्टैंप से वो हिन्दी में अपना भाषण शुरू करते हैं. शुरूआत वो वहीं से करते हैं जहां से वायरल क्लिप ली गई है. जहां पर वायरल क्लिप खत्म होती है ऑरिजनल वीडियो में आगे के वाक्य में वो कहते हैं ‘उसको तनख्वाह मिलती है इसलिए वो सेना का जवान युद्ध की भूमि में मरने के लिए तैयार नहीं होता है…वो मरने के लिए इसलिए तैयार होता है इस मिट्टी को वो प्यार करता है.’  

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी की वायरल क्लिप को जानबूझकर कांटछांटकर निकाला गया है जिससे उनकी छवि खराब की जा सके. उन्होने ये नहीं कहा कि सेना का जवान युद्धभूमि में मरने इसलिए जाता है कि उसको तनख्वाह मिलती है.वो कहते हैं कि सेना का जवान इसलिए युद्धभूमि में मरने नहीं जाता है कि उसे तनख्वाह मिलती है बल्कि इसलिए जाता है कि उसे मिट्टी से प्यार होता है. वीडियो कम से कम लगभग 10 साल पुराना है. इस वीडियो का सही समय, मौका और जगह की जानकारी पता लगाने में हम सक्षम नहीं हो पाए हैं.

दावा- मोदी ने कहा सेना का जवान युद्धभूमि में मरने इसलिए जाता है कि उसे तनख्वाह मिलती है

दावा करने वाले- सोशल मीडिया यूजर

सच-दावा झूठा है

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