सोशल मीडिया पर ZOMATO के संस्थापक के बयान को सांप्रदायिक रंग दिया गया

हमे नहीं चाहिए हिन्दू कस्टमर , हमारे लिए हमारा व्यवसाय बड़ा है

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Zomato के संस्थापक दीपेंद्र गोयल की तरफ से ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल है. सोशल मीडिया पर zomato के खिलाफ कई तरह के हैशटेग के साथ संगठित रूप से कैंपेन भी चलाया जा रहा है. और कहा जा रहा है zomato का बहिष्कार करो.

इस पोस्ट को 1400 से ज़्यादा रिट्वीट मिले हैं. इसका आर्काइव्ड वर्जन आप यहां देख सकते हैं. इस तरह के तमाम पोस्ट ट्विटर पर आप देख सकते हैं. इसी तरह फेसबुक पर भी ये पोस्ट वायरल है. हिन्दू सम्राट मोदी नामके फेसबुक पेज ने भी इसे शेयर किया है.

https://www.facebook.com/HinduSamratModi/posts/432844014109535

इस अकेले पोस्ट को साढ़े पांच हज़ार से भी ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है. इसका आर्काइव्ड वर्ज़न आप यहां देख सकते हैं. Zomato एख फूड डिलिवरी कंपनी है. हाल ही में जबलपुर के  अमित शुक्ला नामके व्यक्ति के एक ट्वीट के बाद ये विवाद शुरू हुआ. अमित शुक्ला ने  zomato के डिलिवरी ब्वॉय से खाना लेना इसलिए मना कर दिया था कि वो मुस्लिम था. और खाने का ऑर्डर कैंसिल करने की मांग कंपनी से की थी.

अमित शुक्ला के विवादित ट्वीट का स्क्रीन शॉट
अमित शुक्ला के विवादित ट्वीट का स्क्रीन शॉट

 अमित शुक्ला ने बाद में अपना विवादित ट्वीट डिलीट कर दिया था लेकिन इसका आर्काइव्ड वर्ज़न आप यहां देख सकते हैं. इस पर zomato ने जो जवाब दिया था उसकी काफी प्रशंसा की गई थी. कंपनी ने कहा था ‘खाने का कोई धर्म नहीं, खाना ही धर्म है’

लेकिन कट्टरवादी हिंदुओं ने सोशल मीडिया पर #isupportamit  #boycottzomato के नाम से कंपनी के खिलाफ कैंपेन छेड़ दिया था. सोशल मीडिया पर ये दावे उसी कैंपेन का हिस्सा हैं.

 

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फैक्ट चेक

India check  ने सोशल मीडिया पर zomato औऱ उसके संस्थापक के बयानों को इनके अधिकारिक हैंडल पर चेक किया लेकिन कहीं भी ये लिखा नहीं मिला ”नहीं चाहिए हिन्दू कस्टमर हमारे लिए खाने का व्यवसाय जरूरी है”दीपेंद्र गोयल का इस विवाद पर एक ट्वीट है जिसमें वो कंपनी के ही ट्वीट को कोट करते हुए कहते ”हमे भारत के विचार, सम्मानित ग्राहकों और सहभागियों की विविधता पर गर्व है. हमें किसी भी व्यवसाय को खोने में कोई अफसोस नहीं होगा अगर वो हमारे मूल्यों के रास्ते में आएगा.”

इसके अलावा हमने वायरल बयानों को की-वर्डस के रूप में इस्तेमाल करके गूगल में भी सर्च किया लेकिन वहां इस तरह कोई सांप्रदायिक बयान कंपनी या उसके संस्थापक की तरफ से नहीं मिला. हमने कंपनी औऱ संस्थापक से इस बारे में जवाब मांगा है. उनकी तरफ से जैसे ही कोई बयान आता है हम स्टोरी को अपडेट करेंगे

निष्कर्ष

सोशल मीडिया पर वायरल zomato के संस्थापक दीपेंद्र गोयल का बयान गलत है. उनके बयान को तोड़मरोड़कर बताया जा रहा. सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश में उनका झूठा बयान वायरल किया जा रहा है.

दावा- zomato के संस्थापक दीपेंद्र गोयल ने कहा ”नहीं चाहिए हिन्दू कस्टमर हमारे लिए खाने का व्यवसाय जरूरी है”

दावा करने वाले- सोशल मीडिया यूज़र

सच- दावा झूठा है

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