अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है. इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी अयोध्या से जुड़ी खबरों की बाढ़ आ गई है. इन सबके बीच झूठे संदेश भी वायरल हो रहे हैं. एक संदेश बहुत तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि अयोध्या के फैसले को देखते हुए सरकार ने कम्युनिकेशन के नए नियम लागू किए हैं. जिसमें कहा गया है कि सभी फोन कॉल्स रिकॉर्ड की जाएंगी. फेसबुक, ट्विटर, व्हाटसएप सहित सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म में भेजे गए संदेशों को पुलिस ट्रैक करेगी. प्रधानमंत्री, सरकार और ताजा राजनैतिक हालात पर किए गए आपत्तिजनक पोस्ट या वीडियो के बारे में लोगों को चेतावनी दी गई है. वायरल संदेश में ये भी कहा गया है कि राजनैतिक या धार्मिक मसलों पर आपत्तिजनक चीजें कहने वालों को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जाएगा. आपकी डिवाइस मंत्रालय से जोड़ दी जाएगी.

अयोध्या पर वायरल फेसबुक पोस्ट का स्क्रीन शॉट
फेसबुक पर वायरल पोस्ट का स्क्रीन शॉट

इस पोस्ट को आप यहां देख सकते हैं. फेसबुक पर ये लगातार वायरल हो रहा है.

फेसबुक पर वायरल पोस्ट का स्क्रीन शॉट
वायरल पोस्ट का स्क्रीन शॉट

ट्विटर पर भी लोग इसे धड़ल्ले से शेयर कर रहे हैं.

इसका आर्काइव्ड वर्जन आप यहां देख सकते हैं. कुछ और ट्वीट आप यहां देख सकते हैं.

फैक्ट चेक

अयोध्या पुलिस ने इस संदेश को अफवाह बताया है. ट्विटर पर पोस्ट किए गए संदेश में पुलिस की तरफ से कहा गया है कि ऐसे किसी संदेश पर भरोसा ना करें.

हालांकि अयोध्या के जिलाधिकारी की तरफ से अयोध्या पर फैसले को देखते हुए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. इन निर्देशों के अनुसार सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक माहोल खराब करने वालों पर कड़ी नज़र रखी जा रही है. इसके अलावा सार्वजनिक स्थान पर आयोजन, बहस आदि के आयोजन पर भी निर्देश जारी किए गये हैं. फैसले से पहले या बाद में जश्न मनाने , जुलूस निकालने,पर भी पाबंदियां लगाई गई हैं.

अयोध्या विवाद देश के सबसे बड़े और लंबे चलने वाले मुकदमों में से एक है. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में पूरी हो गई है. इस महीने 17 नवंबर से पहले इस केस का फैसला आ जाएगा. अयोध्या विवाद बेहद संवेदनशील मामला है. इस पर सभी को शांति बनाए रखने की ज़रूरत है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस पर संयम बरतने की सलाह दी है. और फैसले पर किसी तरह की सांप्रदायिक बयानबाजी ना करने की अपील की है.

निष्कर्ष

सोशल मीडिया पर अयोध्या के नाम पर जारी कम्युनिकेशन नियम पूरी तरह से अफवाह हैं.आप लोगों से गुजारिश है कि इस शेयर ना करें. और इस मसले पर भावनाओं को आहत करने वाली सामग्री को सोशल मीडिया पर डालने से बचें.

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