भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में 43 चीनी सैनिकों को मार दिया गया है. ये खबर ज्यादातर न्यूज चैनलों ने चलाई.

इसके अलावा अन्य मीडिया संगठनों नें भी ये खबर दिखाई और ट्वीट किया. ये खबर उस समय आई जब भारतीय सेना ने आधिकारिक रूप से 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने का बयान जारी किया.

कई पत्रकारों ने भी इस खबर को ट्वीट किया.इंडिया टीवी के संपादक और प्रमोटर रजत शर्मा ने ट्वीट करते हुए कहा ‘चीन की सरहद पर हमारे 20 बहादुर जवानों के बलिदान की खबर से मैं स्तब्ध हूं. चीन ने एक बार फिर धोखे से हमला किया. हमारे वीर जवानों ने भी चीन के 43 सैनिकों को मार गिराया. लेकिन हमारे रणबांकुरों की शहादत बेकार नहीं जानी चाहिए’

बीजेपी के पूर्व सांसद आरके सिंह ने दावा किया ‘कलरात जब चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान में नरमी दिखी तभी यह तो समझ में आ गया था कि उन्हें भी भारी नुक़सान हुआ है।पर जब देर रात उन्होंने शवों को बटोरने के लिए हेलिकॉप्टर भेजे तब उनके संदेशों को इंटरसेप्ट करने पर पता चला कि उनके ४३ सैनिक मारे गए हैं! यह है आज का भारत’

सरकारी ब्रॉडकास्टर दूरदर्शन ने भी इसे चलाया. और इस खबर का स्रोत एजेंसी बताया.

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फैक्ट चेक

ये खबर सबसे पहले न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्वीट की. उसने अपने ट्वीट में मरने वाले और घायल सैनिकों की संख्या को मिलाकर 43 बताया. जबकि इसी ट्वीट के आधार पर बाकी सभी ने मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या को 43 बताया. हालांकि एनआई की ये जानकारी भी सूत्रों पर आधारित थी.

चीन की तरफ से इस तरह का कोई आंकड़ा नहीं दिया गया है. चीन के मीडिया हाउस ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने एक ट्वीट करके कहा जो जानकारी मेरे पास है उसके मुताबिक चीन के भी कुछ सैनिक हताहत हुए हैं. लेकिन मौत या घायलों की संख्या के विषय में कोई जानकारी नहीं दी गई

वहीं भारत की तरफ से भी चीनी सैनिकों के मारे जाने की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज शहीद भारतीय सैनिकों पर शोक संदेश ट्वीट किया लेकिन उन्होने चीन के नुकसान के बारे में कोई जिक्र नहीं किया.

वहीं चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से आज जारी बयान में दोनों देशों के बीच संयम बरतने की सलाह दी गई. अपने नुकसान के बारे में चीन ने कोई जानकारी नहीं दी है.खबर लिखे जाने तक भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच फोन पर विवाद के बाद पहली बार बातचीत हुई.

प्रधानमंत्री ने घटना के बाद कोरोना पर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की शुरुआत में भारतीय सैनिकों की शहादत पर मौन रखा. उन्होने कहा भारत शांति चाहता है. लेकिन अगर कोई हमे उकसाएगा तो हम उसको जवाब देने में सक्षम हैं.हमारे सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.

निष्कर्ष

भारतीय मीडिया ने न्यूज एजेंसी एनआई के ट्वीट के आधार पर जो खबर चलाई वो गुमराह करने वाली है. एएनआई ने अपने ट्वीट में ये नहीं कहा कि 43 चीनी सैनिक मारे गए हैं. बल्कि ये कहा कि कि 43 सैनिक हताहत हुए हैं जिसका मतलब है कि इसमें मरनेवाले और घायलों दोनों की संख्या शामिल है. इसके अलावा चीन की तरफ से संख्या के बारे में किसी तरह का आधिकारिक कंफर्मेशन नहीं किया गया है. भारत सरकार ने भी चीन में कैजुअल्टी के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. एएनआई की खबर भी सूत्रों के हवाले से ही दी गई है.

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