सिद्ध योगी हैं, 300 साल पहले जीवित समाधि ली थी,चेन्नई में वलयूर मंदिर में, मंदिर की मरम्मत में खुदाई के समय समाधिस्त मिले, जीवित
ये दावा एक वीडियो के साथ वायरल है. वीडियो में एक व्यक्ति जर्जर हालत में दिखाई दे रहा हैं. उसके शरीर की हालत बेहद खराब है. लेकिन वो ज़िंदा नजर आ रहा हैं. ये वीडियो परेशान करने वाला है. इसकी कुछ तस्वीरे हम नीचे दिखा रहे हैं. वीडियो आप यहां देख सकते हैं. लेकिन एक बार फिर हम आपको बता दे कि वीडियो डरावना है.

फेसबुक पर भी लोग इस वीडियो को पोस्ट कर रहे हैं.

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फैक्ट चेक
हमने इस वीडियो को इनविड टूल के जरिये कई फ्रेम्स में विभाजित किया. फिर इन फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिए खोजा. परिणाम में हमको विदेशी अखबारों में छपी इस व्यक्ति के बारे में कई स्टोरी मिली. ब्रिटेन के अखबार ‘THE SUN’ की रिपोर्ट के मुताबिक ये व्यक्ति कज़ाकिस्तान के Aktobe शहर का रहने वाला है. इसका नाम अलेक्जेंडर पी है. इसकी उम्र केवल 41 साल की है. ये psoriasis नामकी बीमारी से गंभीर रूप से पीड़ित है. Psoriasis स्किन संबंधी बीमारी है जिसका ठीक से इलाज ना करने पर काफी गंभीर परिणाम हो सकते हैं. ब्रिटेन के ही अखबार ‘DAILY MAIL’ के अनुसार अलेक्जेंडर Aktobe के ही एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. डाक्टरों के अनुसार अब उसकी हालत पहले से ठीक है. और उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है.
निष्कर्ष
वायरल वीडियो में दिख रहा व्यक्ति कोई भारतीय सिद्ध योगी नहीं है. जिसने 300 साल पहले जीवित समाधि ली थी. ये कजाकिस्तान का रहने वाला है. और psoriasis नामकी बीमारी से पीड़ित है.
दावा- 300 साल समाधि में रहने के बाद चेन्नई के एक मंदिर में समाधि से ज़िंदा निकला सिद्ध योगी
दावा करने वाले- सोशल मीडिया यूज़र
सच- दावा झूठा है