Indiacheck fact check :मदरसे में बच्चों को हिंदू-मुस्लिम में दूरी पैदा करने वाली शिक्षा देती वायरल तस्वीर का फैक्ट चेक
Indiacheck fact check :मदरसे की ऑरिजनल औऱ एडिटेड तस्वीर

मदरसे में बच्चों को ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाते हुए एक तस्वीर आपकी नज़रों से भी गुज़री होगी। तस्वीर में ब्लैकबोर्ड पर जो लिखा है उसे देखकर आप भी चौंक जाएंगे कि ये कैसी तालीम दी जा रही है. ब्लैक बोर्ड पर एक तरफ Hinduism औऱ दूसरी तरफ  Islam  लिखा है. Hinduism के नीचे लिखा है योग ,जनेऊ,मंगल सूत्र. और सबके सामने क्रॉस का निशान लगा है जबकि  islam  के नीचे हलाला, ख़तना ,बुर्का लिखा है. इन सभी के सामने सही का निशान लगा है. Hinduism के कॉलम में नीचे नंबर दिए गए हैं, जिनका योग ज़ीरो है जबकि islam का योग 3 है.

मदरसा में हिंदू-मुस्लिम पढ़ाने की फेसबुक पर वायरल तस्वीर का स्क्रीन शॉट
मदरसा में हिंदू-मुस्लिम पढ़ाने की फेसबुक पर वायरल तस्वीर का स्क्रीन शॉट

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्ज़न आप यहां देख सकते हैं तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है.फेसबुक पर तस्वीर के साथ संदेश है ‘पढ़ाई ज़ोरों पर है,हद है यार’.  ट्विटर पर भी लोग इस तस्वीर को शेयर कर रहे हैं। यहां संदेश लिखा है ‘पढ़ाई ज़ोरों पर है. ऐसे ही थोड़े कोई आतंकवादी बनता है’

ट्विटर पर वायरल मदरसे की तस्वीर का स्क्रीन शॉट
ट्विटर पर वायरल मदरसे की तस्वीर का स्क्रीन शॉट

इसका आर्काइव्ड वर्ज़न आप यहां देख सकते हैं. संदेश साफ है, तस्वीर के ज़रिए हिन्दू-मुस्लिम भावनाओं को भड़काने की कोशिश हो रही है.


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फैक्ट चेक

इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिए सर्च करने पर पता चला कि ये एक साल पहले भी वायरल हो चुकी है, और उस समय विवादित लेखक तारिक फतह ने इसे अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था।तारिक फतह के ट्वीट का स्क्रीन शॉट आप नीचे देख सकते हैं।

साल 2018 में तारिक फतह के ट्वीट का स्क्रीन शॉट

हालांकि बाद में उन्होने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया था। सर्च के दौरान हमें साल 2018 में इस पर न्यूज़ एजेंसी ANI की एक स्टोरी मिली जो यूपी के एक मदरसे में संस्कृत पढ़ाए जाने पर थी.एजेंसी ने कई फोटो इस मदरसे की ट्वीट की थी. इनमें से एक फोटो वही थी जो आजकल सोशल मीडिया पर वायरल है.

वायरल हो रही तस्वीर और ओरिजनल तस्वीर को देखने से साफ पता चलता है कि इसे एडिट करके वायरल किया गया है. एडिटेड और ऑरिजनल तस्वीर में सिर्फ ब्लैकबोर्ड पर लिखे शब्दों में अंतर है. ऑरिजनल तस्वीर में ब्लैकबोर्ड पर संस्कृत के शब्द लिखे हैं जबकि वायरल एडिटेड तस्वीर में सांप्रदायिक रंग दिया गया है. इसमें ये बताया जा रहा है कि मदरसे में हिंदू धर्म को छोटा बताने की शिक्षा दी जा रही है.

वायरल एडिटेड औऱ ऑरिजनल तस्वीर

दरअसल यूपी के गोरख़पुर में दारुल उलूम हुसैनिया नामका एक मदरसा है जो आधुनिक शिक्षा के लिए जाना जाता है. यहां विज्ञान,गणित, अंग्रज़ी अरबी,हिंदी के साथ संस्कृत भी पढ़ाई जाती है. इस मदरसे को यूपी शिक्षा बोर्ड के तहत चलाया जाता है. ANI ने 9 अप्रैल 2018 को इस स्टोरी को शेयर किया था. पूरी स्टोरी का वीडियो भी शेयर किया गया था. तस्वीर में संस्कृत पढ़ाई जा रही है. इसे एडिट करके ब्लैकबोर्ड पर हिन्दू-मुस्लिम के बीच वैमनस्यता पैदा करने वाली बातें लिखकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी गईं. इस वीडियो में आपको ब्लैकबोर्ड पर क्या लिखा है वो बिल्कुल साफ दिखाई देगा.

ANI की इस स्टोरी के वीडियो को अलग-अलग कैमरे एंगल से शूट किया गया है. ANI की इस स्टोरी को बहुत सारे अख़बारों औऱ वेबसाइट ने दिखाया था।

अख़बारों की पूरी रिपोर्ट आप यहां और यहां देख सकते हैं.


निष्कर्ष

दावा- मदरसे में हिंदू धर्म को नीचा दिखाने की शिक्षा दी जा रही है

दावा करने वाले- फेसबुक,ट्विटर यूज़र

सच- दावा झूठा और समाज में हिंदू-मुस्लिम सदभाव बिगाड़ने की कोशिश है.

फैक्ट चेक से एक बात तो साफ हो गई कि वायरल तस्वीर फर्ज़ी है. और जिन लोगों ने मदरसे में संस्कृत पढ़ते बच्चों की तस्वीर को कांटछांट कर हिन्दू-मुस्लिम का रंग देने की कोशिश की है वो लोग समाज औऱ देश के लिए बड़ा खतरा हैं. इन लोगों की पहचान की जानी चाहिए. आप ऐसे लोगों की पोस्ट शेयर करके इनको बढ़ावा देते हैं. इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि कि धार्मिक सदभाव बिगाड़ने वाले पोस्ट को शेयर ना करें. इसकी सत्यता की जांच के लिए आप INDIA CHECK से भी संपर्क कर सकते हैं.   

हमारी फैक्ट चेक स्टोरी में अगर आपको कोई गलती नज़र आती है तो आप हमें ज़रूर लिखें। हम अपनी गलतियों को स्वीकार करने के लिए पूरी तरह से हमेशा तैयार रहते हैं। आप हमें info@indiacheck.in या indiacheck1@gmail.com पर मेल कर सकते हैं। हम एक प्रक्रिया के तहत जांच करेंगे औऱ गलती पाए जाने पर स्टोरी को अपडेट करेंगे।

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