Home फैक्ट चेक दिशा रवि की तरफ से अखिल सिब्बल को 5-7 लाख रुपये हर बार कोर्ट में आने के लिए देने का दावा झूठा है-FACT CHECK

दिशा रवि की तरफ से अखिल सिब्बल को 5-7 लाख रुपये हर बार कोर्ट में आने के लिए देने का दावा झूठा है-FACT CHECK

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दिशा रवि की तरफ से अखिल सिब्बल को 5-7 लाख रुपये हर बार कोर्ट में आने के लिए देने का दावा झूठा है-FACT CHECK

कृषि कानून के खिलाफ किसानों के विरोध को समर्थन देने के लिए बनाए टूल किट को एडिट करने के आरोप में गिर्फ्तार दिशा रवि को लेकर सोशल मीडिया पर एक और गलत जानकारी वायरल है. दावा किया जा रहा है कि कि मीडिया ट्रायल के केस में उनकी तरफ से पैरवी कर रहे है वकील अखिल सिब्बल की कोर्ट में हाजिर होने की फीस 5 से 7 लाख रुपए हैं. इतना पैसा कहां से आ रहा है. अशोक सिंह नामके ट्विटर हैंडल ने दावा किया दिशा रवि ने अकिल सिब्बल को अपने वकील रखा है जिनकी कोर्ट में एक बार आने की फीस 5-7 लाख रुपए है. अशोक सिंह के ट्विटर बॉयो के अनुसार पीएम मोदी उनको फॉलो करते हैं.

लेखक अभिजीत अय्यर मित्रा ने भी ट्वीट करके यही दावा किया

कुछ औऱ ट्वीट आप यहां और यहां भी देख सकते हैं. अभिषेक कुमाार कुशवाहा नामके ट्विटर हैंडल से दवा किया गया ”21 साल की मासूम दिशा रवि का केस सिब्बल लड़ेंगे जिनकी एक सुनवाई की फीस 5 से 7 लाख रुपए है. देश का युवा तो बहुत पैसे वाला भी है.”

फेसबुक पर भी यही दावा वायरल है. कुछ पोस्ट आप यहां देख सकते हैं.

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सच्चाई क्या है ?

ये बात सही है कि सुप्रीम कोर्ट के वकील अखिल सिब्बल दिशा रवि की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में मीडिया ट्रायल की उनकी याचिका पर हो रही सुनवाई में पैरवी कर रहे हैं. दिशा की तरफ से दायर याचिका में मांग की गई है कि उनके प्राइवेट चैट्स और इनवेस्टिगेशन के दौरान जानकारी को पब्लिक ना किया जाए. इस संबंध में कोर्ट ने 18 फऱवरी को NBSA यानि न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्डस अथॉरिटी,कुछ मीडिया हाउसों को नोटिस भी जारी की है. 23 फरवरी को इस मामले की फिर सुनवाई होनी है. ऑल्ट न्यूज से बातचीत में अखिल सिब्बल ने बताया कि वो दिशा की तरफ से ‘Pro Bono’ पैरवी कर रहे हैं.

Pro Bono का मतलब क्या है?

ये एक लीगल टर्म है जिसका मतलब है ‘लोगों की भलाई के लिए’. ये लैटिन वाक्य है. इस पूरे वाक्य को  ‘प्रो बोनो पब्लिको’ कहते हैं. संक्षिप्त रूप में ये ‘प्रो बोनो’ कहलाता है. ये उन कानूनी सहायता में से है जिसमें वकील अपनी तरफ से ये सहायता उन लोगों को देते है जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं और महंगी फीस वहन करने में असमर्थ होते हैं. ये सेवा प्रधिकरण की तरफ से मुहैया करवाई जाने वाली सहायता से अलग होती है.

आल्ट न्यूज नें दिशा की वकील वृंदा भंडारी से भी बात की उन्होने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल ये दावा गलत है. अखिल सिब्बल दिशा की Pro Bono  मदद कर रहे हैं.

निष्कर्ष

वायरल दावा कि अखिल सिब्बल दिशा रवि से हर बार कोर्ट में पैरवी करने के 5-7 लाख रुपए लेते हैं सही नहीं है. अखिल सिब्बल के अनुसार वो दिशा की मीडिया ट्रायल वाली याचिका पर उनकी प्रो बोनो पैरवी कर रहे हैं

दावा-वकील अखिल सिब्बल जैसे महंगे वकील को एक सुनवाई के 5-7 लाख रुपए देने के लिए दिसा रवि के पास पैसे कहां से आ रहे हैं ?

दावा करने वाले-सोशल मीडिया यूजर

सच-दावा गलत है

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