मोहन भागवत ने कभी नहीं कहा ‘कोरोना की वजह से धर्म में मेरी आस्था खत्म हो गई’, वायरल क्लिप फेक है

अखबार की कटिंग में कहीं भी अखबार के नाम का जिक्र नहीं है. मोहन भागवत के हाल के भाषणों में भी इसका जिक्र नहीं है

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कई दिनों से आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बारे में अखबार की एक क्लिपिंग वायरल है जिसकी हेडलाइन है ‘कोरोना ने तोड़ी मेरी धर्म में आस्था- मोहन भागवत’. इसके टेक्स्ट में लिखा है ‘कोरोना का कहर पूरे विश्व में छाया हुआ है. इससे हिन्दुस्तान भी नहीं बच पाया. कोरोना के आते ही सारे मंदिरों में ताले लग गए. जिन भगवानों की हम दिन रात पूजा करते हैं उन्होने भी कोई चमत्कार नहीं दिखाया. हमारे प्रधानमंत्री  जी ने भी खूब ताली और थाली बजवाई, दिए भी जलवाए लेकिन कुछ काम नहीं आया.’ इसी तरह आगे भी क्लिप में लिखा है कि भागवत की तरफ से लिखा है मंदिरों को बंद करके स्कूल अस्पताल, पुस्तकालय बनवाने चाहिए.  इस क्लिप को पोस्ट करते हुए एक ट्विटर हैंडल ने कैप्शन में लिखा ‘आज का सबसे अच्छा समाचार मुझे ये लगा Rss और मोहन भागवत का डर देखकर अच्छा लगा. यह डर होना चाहिए और जल्द ही लोगों को धर्म से छुटकारा पा लेना चाहिए. जिन्हे अपने बच्चों  का भविष्य सुधारना है. बाकी तो दुनिया है अंधभक्त है कुछ भी कर सकते हैं स्वतंत्र हैं’

इसी तरह फेसबुक पर भी इसे खूब शेयर किया जा रहा है. क्लिप के साथ कैप्शन लिखा गया ‘खत्म हो गई आस्था : भागवत का हुआ हृदय परिवर्तन’

खत्म हो गई आस्था : भागवत का हुआ हृदय परिवर्तन

Geplaatst door Devendra Surjan op Maandag 18 mei 2020

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फैक्ट चेक

मोहन भागवत के इस बयान को पहले हमने गूगल पर सर्च किया तो हम ये कहीं नहीं दिखाई दिया. हाल ही में उनके कार्यक्रमों में दिए गए भाषणों में भी उन्होने धर्म को लेकर ऐसा बयान नहीं दिया है. वायरल क्लिप में किसी न्यूज पेपर के नाम का जिक्र नहीं है. सर्च के दौरान हमे आरएसएस नेता नरेंद्र कुमार का ट्वीट मिला जिसमें उन्होने इलस क्लिप को पोस्ट करते हुए कहा कि मोहन भागवत ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है.

नागपुर स्थित संघ के मुख्यालय ने भी बयान जारी करके इसे फेक न्यूज बताया है.

निष्कर्ष

संघ प्रमुख मोहन भागवत के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल क्लिपिंग झूठी है. मोहन भागवत की तरफ से कभी ये नहीं कहा गया कि कोरोना की वजह से धर्म में उनकी आस्था खत्म हो गई है.