एक घायल महिला की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. महिला के सिर से खून बह रहा है.गुमराह करने वाला दावा किया जा रहा कि ये तस्वीर बंगाल हिंसा से संबधित है. बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा ”बंगाल हिंसा से दुखी है तो तो तत्काल वेंकेट चलैया कमीशन लॉ कमीशन इलेक्शन कमीशनके सुझावों को तत्काल लागू करने की मांग करिए. लॉ कमीशन, इलेक्शन कमींशन वेंकेट चलैया कमीशन के 500 सुझाव वर्षों से लंबित हैं. यदि इन्हे लागू किया गया होता तो ना बंगाल में राष्ट्रवादियों की हत्या हुई होती ना केरल में.”आर्काइव्ड पोस्ट यहां देख सकते हैं.
ईशा बजाज नामकी ट्विटर यूजर ने दावा किया ”आबरू लूट गयीं बंगाल की क्या ये महिला नहीं, क्या बंगाल की बेटी नहीं, क्या बंगाली और महिला केवल ममता ही है धिक्कार उन को जो महिला है और ममता का अब भी बेशर्मी से समर्थन कर रही.” आर्काइव्ड ट्वीट यहां देख सकते हैं.
इसी तरह कुछ औऱ ट्विटर यूजर ने भी ये दावा किया. उनका आर्काइव वर्जन आप यहां देख सकते हैं.
फेसबुक पर भी तस्वीर के साथ ये दावा वायरल है. नीचे आप कुछ स्क्रीन शॉट देख सकते हैं.
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सच्चाई क्या है ?
तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर कई जगह ये तस्वीर दिखाई देती है. दो साल पहले किए गए कुछ लोगों के ट्वीट से पता चलता है कि तस्वीर में दिख रही महिला बांग्लादेश की है.
इस बात से एक बात तो साफ हो गई कि तस्वीर का बंगाल हिंसा से कोई ताल्लुक नहीं है. हमने कुछ कीवर्डस की सहायता से गूगल सर्च किया तो बांग्लादेश की कुछ न्यूज रिपोर्ट मिली. नवंबर 2020 की इन रिपोर्टस के अनुसार तस्वीर में दिख रही महिला का नाम अनामिका दास है. संपत्ति को लेकर उसपर कुछ लोगों ने हमला किया था. चट्टोग्राम प्रतिदिन के मुताबिक 1 नवंबर 2020 को बांगलादेश के हाथजारी, इलाके में रहने वाली अनामिका दास के परिवार पर हमला किया गया था. हमला करने वालों में मो रूबल, शाकिब, उस्मान, मुर्शीद समेत कुछ लोग शामिल थे. eibela.com में छपी रिपोर्ट आप यहां देख सकते हैं. नीचे स्क्रीन शॉट है.
निष्कर्ष
हमारी जांच में ये बात साबित होती है कि वायरल तस्वीर का बंगाल हिंसा से कोई मतलब नहीं है. तस्वीर में दिख रही घायल महिला बांग्लादेश की है.
दावा-सोशल मीडिया पर वायरल महिला पर बंगाल हिंसा के दौरान अत्याचार हुआ
दावा करने वाले- बीजेपी नेता, सोशल मीडिया यूजर
सच-दावा गलत है