कोयंबटूर के रेस्त्रां में नपुंसकता की दवाई मिलाकर हिन्दुओं को बिरयानी परोसने का दावा झूठा है

दवा की तस्वीर श्रीलंका की है, पुलिस के साथ कुछ व्यक्तियों की तस्वीर बिजनौर की है, और बिरयानी बेचने की तस्वीर फूड फेस्टिवल की है. तीनों का एक दूसरे से कोई कनेक्शन नहीं है

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बिरयानी में नपुंसकता की दवाई मिलाकर हिंदुओं को खिलाने वाली फेक न्यूज एक बार फिर से वायरल है. 7 जून को 4 तस्वीरों का एक कोलाज फेसबुक पर पोस्ट किया गया जिसे खूब शेयर किया जा  रहा है. पहली तस्वीर में एक व्यक्ति बिरयानी बेचते हुए दिखाई देता है. दूसरी में में कुछ दवाइयों के रैपर हैं. तीसरी तस्वीर में पुलिस के साथ कुछ व्यक्ति हैं और चौथी तस्वीर में पुलिस प्रेस कांफ्रेंस करके हुए दिखाई देती है जिसके पीछे कुछ लोग खड़े हुए हैं.  तस्वीरों के साथ कैप्शन में दावा किया गया है  ”कोयम्बटूर में “माशा अल्लाह” नाम से फ़ास्ट फ़ूड बेचने वाला मुल्ला 2 बर्तनों में बिरियानी पकाता था….
एक मुस्लिमों के लिए और एक हिन्दुओं के लिए !
हिन्दुओं के बर्तन में लड़के व लड़कियों को नपुंसक बनाने की टेबलेट मिलाता था ताकि हिन्दुओं की जनसंख्या वृद्धि को रोका जा सके !
ये तो सिर्फ ट्रेलर है, असली फ़िल्म बहुत बड़ी है। सोचिए कितनी बुरी तरह घेर रखा है आपको जिहादियों ने। पता नहीं कैसे कैसे जिहाद चलाए जा रहे हैं हिन्दुओं को मिटाने के लिए, और हिन्दू है कि घोड़े बेचकर सो रहा है। कुछ लोग जगाने की कोशिश करते हैं तो उन्हे साइड कर दिया जाता है।
*अभी भी समय है इनका सम्पूर्ण बहिष्कार करो। आज ही कसम खा लो कि आप इनसे कोई सामान नहीं खरीदेंगे।*”

इस पोस्ट को 260 बार शेयर किया जा चुका है. इस तरह एक और पोस्ट है जिसे इसी दावे के साथ पोस्ट किया गया . इस पोस्ट को अब तक 2 हजार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है.

नीचे कुछ स्क्रीन शॉट भी देख सकते हैं.

ट्विटर पर भी लोग इसे पोस्ट कर रहे हैं.

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फैक्ट चेक

तस्वीर नं-1

इस तस्वीर के स्क्रीन शॉट का रिवर्स इमेज सर्च कराने पर हमे यू ट्यूब में साल 2016 में अपलोड एक वीडियो मिला जिसमें इस तस्वीर को थंब इमेज के रूप में दिखाया गया है. वीडियो का टाइटल है ‘Indian Muslim festival DUM BIRYANI Preparation for 30 People & STREET FOOD’

थंब इमेज का स्क्रीन शॉट आप नीचे देख सकते हैं.

यही तस्वीर हमें एक फूड ब्लॉग में भी दिखाई दी जिसे साल 2017 में अपलोग में किया गया था . इसे आप यहां देख सकते हैं.

तस्वीर नं-2

रैपर में दवाइयों की तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च कराने पर हमे कई परिणाम मिले. एक तमिलियन वेबसाइट में  2 मई 2019 की एक रिपोर्ट मिली जिसमें इसे तस्वीर के अलावा भी कई तस्वीर हैं. रिपोर्ट से पता चलता है कि श्रीलंका में पुलिस ने अवैध दवाइयों की तस्करी के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार करके इन दवाइयों को बरामद किया था. ये रिपोर्ट आप यहां देख सकते हैं.

डेली मिरर ने भी इस स्टोरी को कवर किया था. इसे आप यहां देख सकते हैं.

तस्वीर नं-3,4

इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च कराने पर हमे 12 जुलाई 2019 को आजतक के यूट्यूब चैनल पर अपलोड एक बुलेटिन में ये दिखाई दी. इस वीडियो को 1.29 टाइम स्टैंप पर देखेंगे तो तीसरी वायरल तस्वीर में पुलिस के साथ दिख रहा व्यक्ति नजर आएगा.

4 सेकेंड बाद इसी वीडियो में आपको चौथी तस्वीर भी नजर आएगी जिसमें पुलिस प्रेस कांप्रेंस कर रही है और कुछ लोग पीछे खड़े हुए हैं. 1.33 टाइम स्टैंप पर आप इसे देख सकते हैं. नीचे इसका स्क्रीन शॉट देख सकते हैं.

आजतक की रिपोर्ट के अनुसार यूपी के बिजनौर में पुलिस ने एक मदरसे में छापा मारकर हथियार बरामद किए थे और 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. नीचे आप आप पूरा वीडियो देख सकते हैं.

बिजनौर पुलिस ने भी अपने ट्विटर हैंडल से 11 जुलाई 2019 को तस्वीर के साथ इस बात की जानकारी दी थी.

इस साल मार्च के महीने में भी ये इसी दावे के साथ ये तस्वीर वायरल थी. उस समय 2 मार्च 2019 को कोयंबटूर पुलिस ने भी इसे झूठ करार दिया था और अफवाह फैलाने वालों को चेतावनी भी दी थी. पुलिस ने ये ट्वीट एक ट्वीटर हैंडल के जवाब में किया ता. बाद में उस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया था.

निष्कर्ष

जांच ,से एक बात साफ है कि झूठी कहानी को गढ़कर कैसे अलग-अलग जगहों की तस्वीरों का इस्तेमाल करके लोग अफवाह फैलाते हैं. वायरल दावा पूरी तरह झूठा और नफरत फैलाने के मकसद से गढ़ा गया है. ऐसी पोस्ट के बहकावे में ना आएं. सोशल मीडिया पर किसी भी पोस्ट को फॉरवर्ड करने से पहले उसकी सच्चाई के बारे में पता करें. अगर आपको की संदेह होता है तो हमे भेजे. हम आपको बताएंगे कि सच क्या है ?

दावा- कोयंबटूर में नपुंसक बनाने वाली दवाइयां मिलाकर हिन्दुओं को खिलाने के लिए बिरयानी बेची जा रही है

दावा करने वाले –सोशल मीडिया यूजर

सच- दावा झूठा है

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