पुराने श्रीनगर की तस्वीर

हथियारों से लैस जवानों के बीच एक छोटी बच्ची की किताब पढ़ते हुए तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. तस्वीर बहुत शानदार है. कोई भी देखेगा तो उसकी नज़र इस तस्वीर पर थोड़ी देर के लिए ज़रूर टिक जाएगी. तस्वीर के साथ एक संदेश है जिसमें कहा जा रहा है कि कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को खत्म करने के बाद ये तस्वीर ली गई है. तस्वीर के ऊपर अंग्रेज़ी में एक कैप्शन भी लिखा है ‘she knows that she is safe in kashmir’

इसका आर्काइ्वड वर्ज़न आप यहां देख सकते हैं. 5 अगस्त को प्रेसिडेंशियल ऑर्डर के ज़रिए जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को केंद्र सरकार ने खत्म करने के फैसले का एलान किया था. इसे 5 अगस्त के बाद से फेसबुक पर सैकड़ों बार शेयर किया जा चुका है. ये तस्वीर फेसबुक पर आप यहां भी देख सकते हैं.  ट्विटर पर भी इसी संदेश के साथ इसे शेयर किया जा रहा है.

इसका आर्काइव्ड वर्जन आप यहां देख सकते हैं.

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फैक्ट चेक

तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर ये तस्वीर काफी जगह दिखाई देती है. शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने भी अपनी एक शायरी में इस तस्वीर को रिफरेंस के रूप सें इस्तेमाल किया है. उन्होने इसे अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज पर भी शेयर किया है. खास बात है कि उन्होने इसे तीन साल पहले 21 सितंबर 2016 को पोस्ट किया था.

इमरान की पोस्ट का आर्काइव्ड वर्ज़न आप यहां देख सकते हैं. इसके अलावा भी कई पोस्ट फेसबुक पर हमे सर्च के दौरान मिली जो लगभग इतनी ही पुरानी थी और उनमें इस तस्वीर का इस्तेमाल रिफरेंस के रूप में किया गया था.

ये बात तो साबित हो गई कि ये तस्वीर काफी पुरानी है. हाल ही में अनुचछेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के फैसले से इसका कोई लेना देना नहीं है. लेकिन सवाल ये था कि ये तस्वीर आई कहां से और किस जगह की है. थोड़ी और रिसर्च करने पर हमे इस तस्वीर के बारे में सारी जानकारी मिल गई. #kashmir की-वर्डस के ज़रिए हमे आशीष शर्मा का एक ट्वीट मिला जो 29 अगस्त 2016 को पोस्ट किया गया था. उन्होने rawness of innocence कैप्शन के साथ इसे ट्वीट किया था.

दरअसल आशीष शर्मा ने ही पुराने श्रीनगर में इस तस्वीर को अपने कैमरे मे कैद किया था. शर्मा जम्मू-कश्मीर के ही रहने वाले हैं. फोटोग्राफी उनका शौक भी है और पेशा भी है. इस समय वो दिल्ली में ओपन मैग्ज़ीन के लिए काम कर रहे हैं. आशीष की आधिकारिक वेबसाइट पर भी आप इस तस्वीर को देख सकते हैं. इंटरनेशनल न्यूज़ एजेंसी ने सबसे पहले इसका फैक्ट चेक किया था.

निष्कर्ष

ये तस्वीर श्रीनगर की ही है लेकिन इसका अनुच्छेद 370 से कोई संबंध नहीं है. इसे तीन साल पहले लिया गया था.

दावा- जवानों के बीच छोटी बच्ची की किताब पढ़ते हुए तस्वीर कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधनों को खत्म करने के बाद की है

दावा करने वाले- सोशल मीडिया यूज़र

सच- दावा गलत है. ये तस्वीर तीन साल पुरानी है.

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