नफरत के बीच ज़िंदगी तलाशती एक तस्वीर

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नफरत और झूठ की तस्वीरें खोजते खोजते अचानक एक तस्वीर ने दिमाग को सुन्न कर दिया।तस्वीर 3 साल पुरानी है। औऱ कहानी उससे भी एक साल ज्यादा पुरानी। हाल में तो कोई नई चीज नही है इस कहानी में लेकिन इस दौर के लिए ये बेहद मुफीद तस्वीर है।

अस्पताल से निकलकर पुरानी दोस्त को देखकर मुस्कुराता हुआ पांच साल का अहमद,आतंकवादियों ने पूरे परिवार को जिंदा जला दिया था

फिलस्तीन में जुलाई 2015 को हुई थी ये घटना। इसरायल के दहशत गर्दों ने फिलिस्तीनी परिवार को सोते समय आग में जलाकर मार दिया था।5 साल का ये बच्चा पूरी तरह जलने के बाद भी किसी तरह बच जाता है। इस घटना में इस बच्चे के 18 महीने के भाई औऱ मां,बाप की जलकर मौत हो गई थी

 ये तस्वीर उसी बच्चे की है जो एक साल बाद अस्पताल से बाहर निकलता है। इतने दिनों बाद अपनी दोस्त को देखकर खुश हो जाता है।

ये घटना सिर्फ औऱ सिर्फ नफरत का नतीजा थी। औऱ बच्चे की मुस्कुराहट तमाम नफरतो के बीच मानवता का एक संदेश। संदेश प्यार का,सौहार्द का और शांति का। काश कि हम भी नफरतों के इस दौर में जिंदगी की इस तस्वीर से कोई सबक ले सकें। ये तय कर लें कि धर्म या विचारधारा के आधार पर किसी से नफरत नहीं करेंगे।